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आगे क़दम बढ़ाओ तो / गोपाल कृष्ण शर्मा 'मृदुल'
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आगे क़दम बढ़ाओ तो।
खुलकर बाहर आओ तो।।
ख़ुद को ख़ुद पा जाओगे,
ख़ुद से नज़र मिलाओ तो।।
अँधियारा तो फ़ानी है,
कोई दीप जलाओ तो।।
शागिर्दों की कौन कमी,
अपना हुनर दिखाओ तो।।
दुनिया सज़दे में होगी,
दुनिया के हो जाओ तो।।
सातों जनम सुखी होंगे,
सातों वचन निभाओ तो।।