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भूमिका / महेन्द्र भटनागर
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सुनहरी फ़सल के लिए
रसभरी ग़ज़ल के लिए
- हृदय-भूमि को सींचना !
प्रिय अमिय-धरों के लिए
मधुरतम स्वरों के लिए
- हृदय-तार को खींचना !