भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं भी अमेरिका का गीत गाता हूँ / लैंग्स्टन ह्यूज़ / विनोद दास

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:43, 10 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=विनोद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं भी
अमेरिका का
गीत गाता हूँ

मैं अश्वेत भाई हूँ
जब कोई कम्पनी आती है
वे मुझे रसोई में
खाना खाने के लिए भेज देते हैं ।

मैं हँसता हूँ
और खूब खाता हूँ
और मजबूत बनता हूँ ।

कल
जब कम्पनी आएगी
मैं मेज़ पर बैठूँगा
तब कोई मुझसे यह कहने की
ज़ुर्रत नहीं करेगा —
रसोई में जाकर खाओ ।

इसके अलावा
वे देखेंगे
कि मैं कितना सुन्दर हूँ
और वे शर्मिंदा होंगे
मैं भी अमेरिकी हूँ ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास