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दाँत और ब्लेड / कमल जीत चौधरी
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१
दाँत सिर्फ़
शेर और भेड़िए के ही
नहीं होते
चूहे और गिलहरी
के भी होते हैं
ब्लेड सिर्फ़
तुम्हारे पास ही
नहीं हैं
मिस्त्री और
नाई के पास भी हैं
२
तुम्हारे रक्त सने
दाँतों को देख
मैंने नमक खाना
छोड़ दिया है
मैं दाँतों का मुक़ाबला
दाँतों से करूँगा
तुम्हारे हाथों में
ब्लेड देख
मेरे ख़ून का लोहा
खुरदरापन छोड़ चुका
मैं धार का मुक़ाबला
धार से करूँगा
३
बोलो तो सही
तुम्हारी दहाड़ ममिया जाएगी
मैं दाँत के साथ
दाँत बनकर
तुम्हारे मुँह में निकल चुका हूँ
डालो तो सही
अपनी जेब में हाथ
मैं अन्दर बैठा
ब्लेड बन चुका हूँ