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चंदा चम चम चमके / पीसी लाल यादव

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चंदा चम-चम चमके, चंदेनी संग अगास म I
जिनगी जस बिरबिट रतिहा, पहावे तोर आस म II

देखाये के होतीस त,
करेजा चान देखातेंव I

पीरा के मोट रा बांध,
तोर हाथ म धारतेंव II

डोमी कस गुंडरी मारे, पीरा बसे हे संस म I
जिनगी जस बिरबिट रतिहा पहावे तोर आस म II

जिगनी के धारन म मैं,
बांधेव तन के खइलर I
आस ल मथेंव तभो
नई पायेंव लेवना बूंद भर।

जिनगी ल हार डरेवं, मया पीरित के तास म।
जिनगी जस बिरबिट रतिहा, पहावे तोर आस म॥

अंगरी चपकागे पत्र तरी,
तीरत बनै न उठावत।

तोला दे के मन ल अब,
रोवत बनै न हांसत॥

उकुल-बुकुल होगे जीवरा, बैरी मया के फांस म।
जिनगी जस बिरबिट रतिहा, पहावे तोर आस म।