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गठरी के गांठ कस भारी हे मन / प्रेमजी

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पथरा पहाड़ कस भारी हे मन
दुहरा असाढ़ कस भारी हे मन

जिनगी के फोटू मां कुछु न काही
बिख करिया डांड कस भारी हे मन

कइसन मया, मोर पीरा हा बाढिस
सौतेली लाड़ कस भारी हे मन

जेकर अकास के बादर उड़ागे
वइसन कछार कस भारी हे मन

जता चढ़ैव उप्पर सुन्ना ला पाएंव
लम्बा रे ताड़ कस भारी हे मन

दुख रे थे हाट, दुख काकर तिर बेचों
गठरी के गांठ कस भारी हे मन