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कश्मीर / बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’

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सन्नाटा है आज यहाँ पर, मातम काहे पसरा है
ऐ वीर शहीद तुम जागो, यह कश्मीर का मसला है।
तुम पर ही गर्व है मेरा, तुम ही देश के रक्षक हो
कर्णधार हो तुम सीमा के, तुम दुश्मन के भक्षक हो
रहो सचेत तुम जागकर, हर पल ही यहाँ हमला है
ऐ वीर शहीद तुम जागो, यह कश्मीर का मसला है।।
तुम दुश्मन से लोहा लेते, हम चैन से सोते है
हो जाते हैं शहीद सैनिक, उसके बच्चे रोते हैं
माँ – बाप भार्या का दिल भी, पीड़ा से ही मचला है
ऐ वीर शहीद तुम जागो, यह कश्मीर का मसला है।।
आतंकी बेखौफ घुमते , रह – रह के घात लगाते
कौन जानता किस वेश में, वे बम – गोला बरसाते
नहीं जानते कौन निशाना, उनका अपना अगला है
ऐ वीर शहीद तुम जागो, यह कश्मीर का मसला है।।
धारा तीन सौ सत्तर का, काग़ज़ में ही घुम रहा
राजनीति की चक्कर में, बेमतलब का झुम रहा
कश्मीरियों को क्या अब भी, तकदीर नहीं बदला है
ऐ वीर शहीद तुम जागो, यह कश्मीर ।।