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हिन्दुस्तानी माटी में / चन्द्रगत भारती

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उधम,सुभाष,भगत सिंह, जन्में
इस बलिदानी माटी में।
दुनिया का हर रतन छुपा है
हिन्दुस्तानी माटी में

इसी देश के ॠषि मुनियों ने,
ज्ञान दिया विज्ञान दिया !
इस धरती ने शून्य दशमलव,
दे जग में अहसान किया !
ईश्वर की हर कला मिलेगी,
इस कल्याणी माटी में।

जननी, जन्मभूमि औ' गुरु की,
घर - घर पूजा होती है !
यहीं पे पावन गंगा बहती ,
पाप सभी के धोती है !
जियें मरें हम देश की खातिर
लिखें कहानी माटी में।

जग जननी ने इसी धरा पर,
आकर के अवतार लिया !
मानवता के हर दुश्मन का,
गिन गिन कर संघार किया !
कण -कण में हैं आदि शक्ति माँ
इसी पुरानी माटी में ।

वक्त आ गया देश हमारा,
योग का पाठ पढ़ायेगा !
दर्शन आकर करेगी दुनिया,
भारत राह दिखायेगा !
अब भी जीवित हर विद्या है
इस विज्ञानी माटी में ।