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मैं बस यही हूँ / उर्मिल सत्यभूषण

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चिंतायें करना तुम छोड़ दो
उनको मेरी तरफ मोड़ दो
मैं बस यही हूँ
मैं हूँ यहाँ
सुनने को दुःखों की दास्ता
विश्वास तुम मुझ पर करो
विश्वास तुम खुद पर करो
जिसने तुमको बनाया, गढ़ा है
विश्वास तुम उस पर करो
निराशा की कारा को तोड़ दो
मैं बस यही हूँ
मैं हूँ यहाँ
सुनने को दुःखों की दास्तां
दो हाथ उसने मुझको दिये हैं
ताकि संभालंू तेरे दिल को मैं
दिल प्यार से भर लबालब दिया है
ताकि मैं बांटू प्यारी यह शै
मेरे दिल से अपना दिल जोड़ दो
मुझे शक्ति दी है वो है मेहरबां
मैं दिल के दियों को रखूं चिरागां
गिरो को उठा दूँ, है उसने कहा
हुकम उसका मानूं, वो है हुक्मरां
मेरे स्नेह में बाती तुम बोर दो
मैं बस यही हूँ
मैं हूँ यहाँ
सुनने को दर्दों भरी दास्तां।