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गीत शौर्य हित / प्रेमलता त्रिपाठी
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गीत शौर्य हित गाना आता।
हमको भी मिट जाना आता।
मान धरा का रखना अपने,
मृत्यु देश हित पाना आता।
विलख रही अस्मिता हमारी,
उसको हमें बचाना आता।
साहस से बढ़ चले जिधर हम,
विजय ध्वजा फहराना आता।
नहीं किसी से कटुता अपनी,
करुणा सरस बहाना आता।
अमन चैन से जीना सबको,
समता सहज बढ़ाना आता।
प्रेम सुमन रसपान करें सब,
स्नेह सुधा बरसाना आता।