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कह दिया आपको इशारों में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
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कह दिया आपको इशारों में।
चाँद भी शोभते सितारों में।।
गांव में घर नहीं बनाना है।
घर बना लीजिए बाजारों में।।
बाग में फूल अब खिलाना है।
चूमिये फूल को बहारों में।।
प्यार से घर यहाँ बनाना है।
घूमना संग-संग कारों में।।
कीचड़ों में कमल खिलाना है।
नाव ले आइये किनारों में।।
शब्द को अब हिसाब देना है।
काव्य को लाइये विचारों में।।