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पूछ अपना सवाल जल्दी से / हरि फ़ैज़ाबादी

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पूछ अपना सवाल जल्दी से
ख़त्म कर दे मलाल जल्दी से

प्यार की ओढ़ ले रिदा पागल
फेंक नफ़रत की शाल जल्दी से

साँप आता है रोज़ घर तेरे
नेवला एक पाल जल्दी से

जाने कब कौन काम आ जाये
दौड़ उसको सँभाल जल्दी से

क़र्ज़ को पालना नहीं अच्छा
इस मुसीबत को टाल जल्दी से

ये बढ़ी तो तबाह कर देगी
काट दे ज़िद की डाल जल्दी से

गै़र मुमकिन है भूलना कोई
पीढ़ियों का ख़याल जल्दी से