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मतदान / रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट’

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चलें-चलें मतदान करें
भारत का उत्थान करें।
जो दीन का दर्द सुनें व,
माताओं का मान करे।

ऐसा जन को मत देकर
देशभक्त को सलाम करें।
स्व मत का सदुपयोग कर,
भारत में सुधा-पान करें।

लालच देकर बहुत ठकेंगे,
इनकी बातों में क्या दम है।
चोर-उचक्के देश में घूमते,
द्रौपदी चीर हरण क्या कम है।

निज बुद्धि विवेक से ही
मतदान अपना करना।
समरसता की खुशबू से,
स्व राष्ट्र चमन को भरना।