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महाबाहुबली / शिव प्रसाद लोहानी

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ई महाबाहुबली हका
जनतन्त्र के राजा के महाराजा
महाराजों से जादा बहुते कुछ
इनखर मरजी के बिना
कानून के एक डेग भी
एने ओने नय पड़ऽ हे
कानूनों से जादा ई हका बहुते कुछ
भौरवन तितलियन के रस चूसे ला
इनखे से अनुमति लेवे के पड़ऽ हे
प्रशासन सब के एही आदेश दे हका
आउ भी भीतरी आदेश दे हका बहुते कुछ
सत्ता द्वारा
दशकन के समुन्दर मंथन के बाद
अमृत कलश नीयर
महाबाहुबली प्रकट होता है
इनखा पाके
राजनीति के धन्य हो गेल
नेतवन नेहाल हो गेला
राजनीति के खेलन के
सभे विद्या के संचालन
इनका बिना अधूरे रहऽ हे
अधूरों से भी जादा बहुते कुछ