Last modified on 21 जनवरी 2020, at 23:30

स्वागत नवल वर्ष / शीला तिवारी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:30, 21 जनवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शीला तिवारी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नूतन किसलय हो हर्ष
नव प्रभात स्वर्ण रश्मि लिए
जीवन पथ जगमग-जगमग
हर तमस, उर भर नव उमंग
नूतन स्वप्न उन्नत शिखर हो
उन्वान छूता नव विकास गौरव
नवल चेतना जन में प्रबल हो
स्वागत नवल वर्ष।
अन्तस ओजस्विता का अंचल
अटल कर्मों से सजा पथ हो
मिटा शत्रुता, बढ़ा मित्रता का हाथ
प्यार, भाईचारा का नव संचारण हो
स्वागत नवल वर्ष।
खग वृंदो के कोलाहल से गुंजरित
खुशियाँ जीवन की गाती हो
पुष्प गुच्छ छाए रंगो को सजाए
हर मानव सरल निश्छल हो
स्वागत नवल वर्ष।
खेतों में सोने से दाने जड़े हो
न कृषक खोए अपनी संतुलन
न भूखे तन रोए उनके बच्चे
खुशहाली की अनुपम संगम हो
स्वागत नवल वर्ष।
हर बच्चे के हाथ पुस्तक हो
न सिसके फुटपाथ पर बचपन
हर घर के चूल्हे में आग जले
रोटी की भूख से न विकल हो
स्वागत नवल वर्ष।
हर ले दुर्नीति मन से सभी के
नव उर्जा नव शक्ति विस्तार हो
हारे दुश्मन के हर बोल सदा
भारत की गाथा विश्व में प्रखर हो
स्वागत नवल वर्ष।