भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छतरी / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:07, 23 जनवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बालस्वरूप राही |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पापा ऐसी छतरी लाए,
बटन दबाते ही खुल जाए।
इन्द्रधनुष जैसी रंगीन,
बच्चे नीचे आते तीन।