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बालो छ बदरी झूमैलो / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बालो छ बदरी, झुमैलो

परबत आई, झुमैलो

गढ़वाल आई, झुमैलो

दिनु का दाता, झुमैलो

राजा का सामी, झुमैलो


भावार्थ


--'बदरी बालक है--झुमैलो!

वह पर्वत पर आ गया-- झुमैलो!

वह गढ़वाल में आ गया-- झुमैलो!

वह दीनों का दाता है--झुमैलो!

वह राजा का स्वामी है--झुमैलो!