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जल्दी करो / महेन्द्र भटनागर
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जल्दी करो, जल्दी करो !
तूफ़ान सिर पर आ गया
भीषण प्रलय-तम छा गया,
मृत ध्वंस का अभिनय हुआ,
पथ से विपथ सब हो गया,
दृढ़ ओट की चिन्ता अरे
जल्दी करो, जल्दी करो !
नभ-स्पर्श करने उठ रहीं
लहरें प्रखर बस में नहीं,
यह नाव डगमग हो रही
पतवार दे धोखा गयी
बस, पास का तट देख लो
जल्दी करो, जल्दी करो !
ज्वालामुखी है फट रहा,
भूकम्प से थल कट रहा,
जल-मग्न जनपद हो रहे,
जी तोड़ भगती बस्तियाँ,
नव शक्ति का संचय अथक
जल्दी करो, जल्दी करो !
1944