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दादी आई दादा आए / हरेराम बाजपेयी 'आश'

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दादी आई दादा आए
साथ में ढेरों खुशियाँ लाए
सुबह सबेरे उठकर दोनों
लालबाग में घूमने जाएँ।
दादी आई दादा आए...

नदी किनारे उनका गाँव,
चलती वहाँ पर अब भी नाव,
नदियाँ उनकी जीवनधारा,
पानी उनका बड़ा सहारा,
बड़ी विशाल नदी भारत की
गंगा उसका नाम बताएँ।
दादी आई दादा आए ...

नदी किनारे होते खरबूजे
हरमी एमआरएन भाटे खूब
अन्दर लाल-लाल होता है
इसीलिए सबको ललचाए।
दादी आई दादा आए...

भुट्टे ककड़ी और सब्जियाँ
गाँव में इनकी होती खेतियाँ
शहर में ये सब कैसे आतीं
हम सबका हैं स्वास्थ्य बनातीं,
दादाजी हमको बतलाएँ।
दादी आई दादा आए...

दादा-दादी हमको भाते
रोज नई एक कहानी सुनाते
अच्छी बाते हमें सिखाते
उनके रहते मजे-मजे हैं
खुसियों से आँगन भर जाए।
दादी आई दादा आए...