भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
स्वागत / पद्मजा बाजपेयी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:04, 15 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मजा बाजपेयी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
नव वर्ष! स्वागत तुम्हारा,
पर देखो बीते पिछले वर्ष की तरह
निराश न करना, हर्ष के बदले
आँसुओ का सागर मत उंडेल देना।
अगर तुम्हें आने में भय हो तो सुनो,
वहीं रुक जाना, पाँव मत बढ़ाना।
आना तो थोड़ी खुशियाँ ज़रूर लाना, अवश्य लाना।