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पिछड़ा / इरेन्द्र बबुअवा
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मैं पीछे ही नहीं
बल्कि पिछड़ा हुआ भी हूँ
ऐसा मेरे आगे वाले
कहते हैं अक्सर
कराते हैं एहसास
और मैं
क्या करूँ, क्या कहूँ
उनकी इस बात पर
अक्सर करता हूँ उनका अभिनन्दन
हाथ जोड़ कर !
सिर झुका कर !
कि आप
सच कह रहे हैं
देखिए, मैं कितना
पिछड़ा हुआ हूँ !