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दिल किसी का नहीं दुखा देना / गोविन्द राकेश
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दिल किसी का नहीं दुखा देना
हो सके तो उसे दुआ देना
प्यार करना नहीं तेरी फ़ितरत
रंज़िशों को मगर मिटा देना
भूल वह गर तुम्हें कभी जाये
याद हँस कर ज़रा दिला देना
गर निभाओ नहीं कभी उस से
पर उसे ना कभी दग़ा देना
झूठ तुमने कहा नहीं उसको
सच मगर ये उसे बता देना
चाँद आये अगर तुम्हारे घर
चाँदनी को नहीं छुपा देना