भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्त्री विमर्श पर / पूनम मनु

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:05, 26 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूनम मनु |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समूह में
स्त्रियाँ
स्त्री-विमर्श पर
रहती हैं चुप
गाँव में
घूँघट को
थोड़ा और
आगे कर
दाएँ पैर के
अंगूठे से
जमीन को
कुरेदते हुए।