Last modified on 3 सितम्बर 2008, at 09:54

प्रार्थना / लीलाधर मंडलोई

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:54, 3 सितम्बर 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह= }} फलो! गरीब और कमजोर बच्चों के ल...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

फलो!

गरीब और कमजोर बच्चों के लिए

देखते ही बढ़ कर पक जाया करो

फलो!

जब तुम मंहगे बेचे जाओ तो सड़ जाया करो

छूते ही

और छूने न दिया जाये तो देखते ही।