आलमारी में चादर है
ख़ून में डूबी चादर
बच्चा है कोख में
माँ को श्वेत-प्रदर
बाप खड़ा गलियारे में
गलियारा है घर में
घर बसा है शहर में
और शहर रात के कर में
दर्द-चीख़ में मौत छुपी है
बच्चा इस चीख़ के डर में ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय