भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उपहास / प्रदीप कुमार
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:15, 1 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रदीप कुमार |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
वो
तीखे नयन।नक्श वाली
दुबली सी
माॅनीटर टाइप लड़की।
खूब आसमान में उड़ती
जब क्लास के कुछ बुद्धिजीवी लड़के
व्यंग्य में
उसे आलिया भट्ट कहते।
और वह समझ ही नहीं पाती
अपने भोलेपन और
सामान्य ज्ञान के अभाव में
प्रशंसा और उपहास में अंतर॥