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बारिश - 1 / प्रदीप कुमार
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बारिश की फुहारें
जारी हैं
और जारी है
मेरी स्मृतियों में उसका
बेरोक टोक आना-जाना।
बारिश आज है कल नहीं
पर उसकी स्मृतियाँ
आज भी कल भी
सदैव रहती हैं
आस-पास कहीं।