भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लड़कियां / प्रदीप कुमार
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:38, 2 अप्रैल 2020 का अवतरण
लड़कियाँ हैं तो उत्सव है
उमंग है
विदाई के गीत हैं
लड़कियाँ हैं तो संगीत है
प्रेम है प्रीत है
लड़कियाँ हैं तो सजती हैं चूड़ियाँ,
जँचते है कंगन
लड़कियाँ हैं तो संस्कार है,
रिश्तों में खनकती झंकार है
लड़कियाँ हैं तो सावन के झूले है
राखी का त्यौहार है
होली है
रंगों की फुहार है
लड़किया हैं तो भाव है,
अल्हड़पन है लगाव है
लड़कियाँ हैं तो देने का सुख है
लड़कियाँ बुनियाद है
परिवार का आधार हैं ।