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गर्मी आई / लक्ष्मी खन्ना सुमन

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गर्मी आई, गर्मी आई
पी ठंडाई, गर्मी आई

हल्के-फुल्के कपड़े पहनें
क्या सुखदाई, गर्मी आई

सब स्कूल से होगी छुट्टी
गई पढ़ाई, गर्मी आई

लीची, आमों की बाज़ारों
रौनक छाई, गर्मी आई

खरबूजे, तरबूज लिए फिर
ठेली आई, गर्मी आई

खूब ख़रीदारी करते पर
है महँगाई, गर्मी आई

'सुमन' तुम्हारे मुख पर भी तो
लाली छाई, गर्मी आई