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मम्मी अब मैं हुआ बड़ा / लक्ष्मी खन्ना सुमन

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मम्मी अब मैं हुआ बड़ा
नहीं करूँ मैं अब झगड़ा

भर गिलास दो दूध मुझे
पी जाऊँ मैं खड़ा-खड़ा

दौड़ हरा दूँ भोलू को
भले बहुत वह है तगड़ा

चित्र बनाऊँ सुंदर मैं
लिखता सुंदर बड़ा-बड़ा

गिनती भी आती मुझको
ए बी-सी भी लिखा पढ़ा

नहीं गिरी मेरी साइकिल
जब मैं उस पर कूद चड़ा