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माँ / ओम व्यास
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दुनिया संचालित
करने वाले संचालक
प्रश्न करता है मेरा मन
छोटे बच्चों की कोमलता पर
तूने बहुत रहम खाकर
दे दी एक 'माँ' की गोद
माँ का दूध
माँ का स्पर्श
ये तेरा सुकोमल व्यक्तित्व
उस दिन निष्ठुर और क्रूर
क्यों हो जाता है?
जब एक ही झटके में
छीन न लेता है तू
अबोध बच्चे से माँ का स्तन
माँ का स्पर्श
होकर बड़ा सोचता होगा वह अबोध
और करता होगा मलाल
जिसके 'कारण' सब कुछ देख रहा है
उसे नहीं देख पाया
जिसे सब 'माँ' कहते है।