भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छोटा सा घर / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:30, 11 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
यह मेरा छोटा-सा घर है,
मैं ही इसमें रहती हूँ।
मेरी गुड़िया संग रहती है
'डोली' उसको कहती हूँ
मेरे ही संग सोती है वह
मैं जगाती वह जग जाती
मंजन का र्लेती मेरे संग
साथ साथ खाना खाती।
उसको पानी से नहलाकर
नई फ्राक पहना देती
बाल काट कर छोटी छोटी
चोटी भी मैं कर देती
पढ़ने जाती हूँ तो यह भी
मेरे संग ही जाती है।
घर पर अगर छोड़ जाती तो
रो रो कर सो जाती है।