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मनदीप कौर-2 / गिरिराज किराडू
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इसमे कोई रहस्य नहीं की
इसी रास्ते पर
तुम्हें पुरस्कार मुझे दंड मिल जाएगा
किंतु सावधान!
इसी रास्ते पर
पुरस्कार श्राप दंड वरदान हो जाएगा
यूं कोई संशय नहीं
ऐसा होने से पहले ही
तुम जिबह कर लोगे किस्से को
किंतु फ़िर सावधान!
किस्सा बलि का बकरा नहीं
देवता है स्वयं
और इस त्रासदी में हमारी भूमिका
मसखरों की है
और इसमे कहाँ कोई रहस्य
बिना मसखरों के
अब भी नहीं होती
कोई त्रासदी