भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आगमन / पॉल एल्युआर / अनिल जनविजय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:42, 28 मई 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वो नन्हीं बच्ची पहली बार पेरिस आई है
उत्साह है बहुत मन में बारिश सी बिछल रही है

चौराहे पर बिछा है पत्थर की ईंटों का खड़ंजा
खट-खट की आवाज़ करके बच्ची चल रही है

गुज़र रहे हैं पास से उसके चिकने-चुपड़े चेहरे
पर गोल-गोल घूमे बच्ची और मस्ती में ले फेरे
उसके दिल की धड़कन से पेरिस की हवा मचल रही है                        

१९१५
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय