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देशवासियों से / बैर्तोल्त ब्रेष्त / वीणा भाटिया

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तुम जीवित रह गए हो
ध्वस्त नगरों में अब दया करो
ख़ुद पर ।

अब और आगे मत बढ़ो
अभागे लोगो !
जैसे गुज़रे ज़माने के युद्धों में होता था
गोया
विगत युद्धों ने तुम्हें तुष्ट नहीं किया है
मैं विनती करता हूँ आख़िरकार
ख़ुद पर दया करो ।

ऐ मर्दो ! कुदाल उठाओ, रहने दो छुरे
तुम अपने घर की छत तले बैठे होते आज
अगर राह पाने क लिए तुम
चाकू न बीनते
विनती करता हूँ मैं
रहने दो चाकू, कुदाल उठाओ...।

ऐ बच्चो !
एक और युद्ध से बचने के लिए
अवश्य बोलो इसके विरुद्ध और
माँ-बाप को आश्वस्ति दो
तुम फिर से
खण्डहरों में नहीं रहोगे...
न ही सहोगे वह सब
जो उन्हें सहना पड़ा था बच्चों

      एक और युद्ध से बचने के लिए ।
      और ऐ माताओ !
      चूँकि तुम्हें वचनों की आवश्यकता है
      युद्ध के समर्थन अथवा विरोध में
      विनती करती हूँ
      अपने बच्चों के लिए
      जीवन चुन लो ।

      कह दो
      जन्म-मृत्यु के लिए नहीं
     और उन्हे होने दो अपना आभारी

     ऐ माताओ !
            अपने बच्चों के लिए ज़िन्दगी
     चुन लो ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : वीणा भाटिया