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मैं रचूँगा / प्रियंका गुप्ता

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मैं रचूँगा
तुम्हारे नाम पर एक कविता
उकेरूँगा अपने मन के भाव
कह दूँगा सब अनकहा
और फिर
बिना नाम की उस कविता को
कर दूँगा
तुम्हारे नाम
क्योंकि
मैं रहूँ न रहूँ
कविता हमेशा रहेगी
तुम्हारे नाम के साथ।