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हम फिर से आएंगे / एस. मनोज
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हम आएंगे फिर से
इस जनम मे
सजाते रहे पृथ्वी
और अब
अगले जनम की तैयारी।
फिर सजाने आएंगे
लेकिन उससे पहले
जो दूसरे इस काम में लगे हैं
उनके लिए खाद बन जाएंगे
बीज फिर से निकल आएंगे
और अपने दम पर
इस बसुधा को महकाएँगे।