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कूड़ रा कागला / इरशाद अज़ीज़

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म्हैं जोवतो फिरूं
साच रा कबूतर
संसद सूं लेय‘र
आस-पड़ोस
गांव-स्हैर
अर गवाड़-ढाण्यां मांय
पण म्हनैं मिल्या
फगत कूड़ रा कागला