भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हेत रा खेत / इरशाद अज़ीज़
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:13, 15 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= इरशाद अज़ीज़ |अनुवादक= |संग्रह= मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हेत रो खेत
कदैई नीं सूखै
अपणायत रै गांव मांय
हरख रा घूघरा
हमेस ई बाजै
विगसाव रै पगां
जीसा कैवता हा
जठै हेत
बठै मुळक, उजास
अर मिनखपणै री सौरम।