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हाइकू - 1 / शोभना 'श्याम'

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1
बीता जीवन
तिनके जुटाते ही
बना न नीड़

हठी है मन
अब तक इसने
न खोया धीर

2
ज़िन्दगी मेरी
तड़पती ही रही
याद में तेरी

दिल के संग
धड़कती ही रही
आस में मेरी

3
नैन कावड़
मन गया भरने
एक सागर

सब खोकर
लौट आया अकेला
आंसू लेकर

4
रात बरसा
सुधियों का सावन
तकिया नम

दिन ने कहा
जाना है काम पर
समेटो ग़म

5
उड़ाने चला
सपनो की पतंग
अनाड़ी मन

कच्चा निकला
जो जतन का मांझा
कटी पतंग

6
दर्द सागर
कुछ पल सहारा
यादों के द्वीप

निकले खाली
बहला तो गए
वादों के सीप
 
7
यादों के द्वार
आसुओं ने सजाई
बंदनवार

बाहें पसार
तकती रही रस्ता
मौन पुकार

8
आँख मिचौली
उमंगें उम्र भर
मुझसे खेली

क्या कहे मन
कितनी गुरबतें
इसने झेलीं

9
जीवन मेरा
बना रात का डेरा
दर्द घनेरा

आये सवेरा
ज्यों का त्यों मगर
रहे अँधेरा

10
एक परी सी
रात के आँगन में
उतरी याद

रात बीतते
निठुर कसक में
बदली याद