इजोतक लेल / अग्निपुष्प
अन्हार गुज्ज गाम दिस
आस्ते-आस्ते
बढ़ल आबि रहल अछि
कोनो हमर संगी
इजोतक लेल
लतरल जाइत हो जेना
कजरी लागल देबाल पर
कोनो मुक्तिकामी अपराजिता
फूलक लत्ती।
गाम जत’ अनघोल होइ
जत’ रीलीफक रोटी
फाँसीक फन्ना सन बुझाएल होइ
सामन्त, मुखिया आ पुलिसक
एकटा छुट्टा गोल होइ
गाम अनघोल होइ
अन्हार घरक डिबियाक
ममरी लागल बत्ती कें
कने आर उसका देलकै’ए
हमर संगी -- इजोतक लेल
हमर घरक इजोत पसरि गेलै’ए
सौंसे गाम मे।
गाम जत’ युवक कें
पकड़ि लेलकै’ए कोतबाल
देबाल पर नारा लिखबाक अपराध मे
आ अपराधी बसल हो
पुलिस-कैम्पक देखभाल मे
गाम जत’ आब सिंगरहारक
फूल नइं झड़ैत होइ
सब टोल बबूरबोनी बुझाइत होइ
कतौ बाढ़ि होइ
कतौ दरारि होइ।
बाबू साहेबक डरें आब
लोक गाम छोड़ि नइं पड़ाइए
अन्हारोमे एक-दोसराक
बाँहि पकड़ि आगू बढ़ि जाइए
एक गाम सँ दोसर गाम धरि
बढ़ि जाइए हमर संगी
इजोतक लेल
हमर संगी जे हमर विचार अछि
हमर संघर्ष अछि
अन्हार गुज्ज गाम दिस।