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स्नेहक समस्त सुर / अग्निपुष्प
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अहाँक नाम नागफनीक
दुर्लभ फूल
अहाँक एकान्त प्रतीक्षा मे
हम बिनु बसातक धूल
अहाँक नाम सांगह बिनु
लतरैत अपराजिताक लता
हम बरिसातो में अतृप्त
झोझरिक पात
अहाँक नाम निर्जन वनमे
अविरल बहैत अमृत धार
आतुर आकांक्षाक संग
कछेरमे हम ठाढ़
अहाँक नाम मन्दिर मे
आराध्य भव्य मूर्ति
हम कोनो कात में फेकल निर्माल
अहाँक नाम उगैत सूर्यक
विस्तृत लाल क्षितिज
हम चहुँ दिस पसरल
अन्हार गुज्ज अन्हरिया
अहाँक नाम स्नेहक समस्त सुर
चारू पहरक समस्त राग
अहाँक नाम साधल
वीणाक तार
हम असमय हहाइत
बाँसक बेसुरा स्वर
ज्ञात-अज्ञात गन्ध
हम इन्द्रधनुष सन
सतत बदलैत अपन रंग
अहाँक नाम शाश्वत
चतरल वटवृक्ष
हम जेना नदी छोड़ि
देने हो अपन मूल कूल