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मुझे अपना जो कह देना / कैलाश झा 'किंकर'
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मुझे अपना जो कह देना
सदा दिल में जगह देना।
अदावत तो बुरी होती
कभी इसको न शह देना।
भटकता हूँ तिमिर में मैं
उजालों की सुबह देना।
नहीं इल्ज़ाम उल्फ़त पर
कभी भी बेवजह देना।
अगर देना किसी को कुछ
कभी मत इस तरह देना।
मिलन की बात करके अब
नहीं मुझको विरह देना।