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हाथ उसके दियासलाई है / कैलाश झा 'किंकर'

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हाथ उसके दियासलाई है
आग जिसने यहाँ लगाई है।

वो बहादुर हैं घूस देने में
इसलिए हाथ में मलाई है।

बात बनती है यश भी मिलता है
मैंने दुनिया में की भलाई है।

ये अदब की नदी है सुन प्यारे
मान-सम्मान ही कमाई है।

जाति-मज़हब न बीच में लाओ
इसकी हद तो बहुत कसाई है।

आग में घी जो डालते आए
उनसे कह दे बुरी लड़ाई है।

क्या हुआ है कि चुप हुईं ग़ज़लें
इसमें महफिल की जगहँसाई है।

जाँच करने की चीज है जाँचें
किसमें सौ फीसदी वफाई है।