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शायरों की ज़िन्दगी की शायरी / कैलाश झा 'किंकर'
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शायरों की ज़िन्दगी की शायरी
दुश्मनी या दोस्ती की शायरी।
आप तो कहते रहे हैं आज तक
बेहिचक हर आदमी की शायरी।
सत्य का लेकर सहारा आ गये
इसलिए है रोशनी की शायरी।
प्रेम से यह विश्व खिलता रोज़ है
हर तरफ़ है बंदगी की शायरी।
जो बिना सिर-पैर की बातें करे
उसने पढ़ ली तीरगी की शायरी।
आख़िरी पैगाम मिल्लत के लिए
आरजू कर डायरी की शायरी।