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तू मेरा जीवन साथी / कैलाश झा 'किंकर'

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तू मेरा जीवन साथी
तू मेरा साजन साथी।

हुई है जब से शादी
भरा है आँगन साथी।

चतुर्दिक तेरा जल्वा
खिले हैं तन-मन साथी।

झगड़ती-लड़ती भी हो
मगर हो पावन साथी।

रहो खुश हरदम संध्या
तुम्हीं मन-भावन साथी।

उड़ो जितना उड़ना है
मिले हर साधन साथी

तुम्हीं फागुन हो मेरा
तुम्हीं हो सावन साथी

मनायें साल-गिरह हम
करें आराधन साथी।