भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नये वर्ष पर तुम्हें बधाई / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:35, 25 जुलाई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
फिर तुमको लिखता हूँ चिट्ठी मेरे प्यारे भाई.
भेज रहा हूँ नये वर्ष पर ढेरों तुम्हें बधाई.
नया-नया सूरज निकला है,
किरणें नई-नई है।
नये-नये सपने भी अपने,
मन में कई-कई हैं।
इन सपनों को पूरा करने नई सुबह यह आई.
भेज रहा हूँ नये वर्ष पर ढेरों तुम्हें बधाई.
नया जोश जागा है मन में,
जागा हर्ष नया है।
कितनी नयी उमंगें लेकर,
आया वर्ष नया है।
फूल-फूल ने कली-कली ने ख़ुशबू नई लुटाई.
भेज रहा हूँ नये वर्ष पर ढेरों तुम्हें बधाई.
नये वर्ष पर आओ हम-तुम,
यह संकल्प उठायें।
पढ़ने-लिखने खेल-कूद में,
हरदम अव्वल आयें।
और अधिक क्या लिखूँ वर्ष यह तुमको हो सुखदाई.
भेज रहा हूँ नये वर्ष पर ढेरों तुम्हें बधाई.