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दोस्त हमारे कितने सारे / कमलेश द्विवेदी
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आसमान में सूरज-चंदा और सितारे हैं।
देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं।
एक बार भी कभी किसी ने,
हमें नहीं है टाला।
जो जितना दे सकता, उसने
उतना दिया उजाला।
जग को रोशन करते हैं ये कितने प्यारे हैं।
देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं।
हम तो इन्हें भुला दें पर ये,
हमको नहीं भुलाते।
हमसे हाय-हेलो कहने को,
ये रोजाना आते।
इसीलिये ये सबसे अच्छे दोस्त हमारे हैं।
देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं।
ऐसे दोस्त बने हम सब भी,
ऐसे दोस्त बनायें।
और दोस्ती का रिश्ता भी,
यों ही सदा निभायें।
दोस्त, दोस्ती के रिश्ते ही होते न्यारे हैं।
देखो-देखो दोस्त हमारे कितने सारे हैं।