भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मासूम बच्चे / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:02, 3 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त' |अनु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मासूम बच्चे
पुस्तकों के भार से
दबे जा रहे हैं
छोटी सी उम्र में
बोझ ढोते जा रहे हैं
कुछ तो बदलाव लाओ
इस शिक्षा प्रणाली में
बच्चों को सुख पहुंचाओ
और देखो उनको खुशियाली में।