भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गधों का बहुमत / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:24, 8 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हाथीजी जब लड़े इलेक्शन,
हुए गधे से पस्त।
इतने थोड़े वोट मिले कि,
हुई जमानत जब्त।
सभी वर्ग के सभी गधों से,
वोट गधे ने पाए।
बड़ी सरलता से चुनाव में,
नंबर वन पर आए।
पशु-पक्षी, इंसान सभी में,
गधे बहुत होते हैं।
इस कारण से गधे हमेशा,
बहुमत में होते हैं।